डिप्टी कलेक्टर को मिलने वाली सुविधा (deputy collector ko milne wali suvidha)| कलेक्टर को मिलने वाली सुविधाएं आदि जैसे प्रश्नों के बारे में आज के इस आर्टिकल में हम जानेंगे।
उप जिला अधिकारी /उप जिला अध्यक्ष जिसे डिप्टी कलेक्टर भी कहा जाता है यह राज्य का प्रमुख प्रशासनिक पद होता है।
इस पथ पर नौकरी पाने के लिए कई सारे विद्यार्थी हर साल मेहनत करते हैं लेकिन कुछ ही विद्यार्थियों का सिलेक्शन इस पद पर हो पाता है।
इस पद पर नौकरी की इच्छा व्यक्त करने वाले सभी छात्रों के मन में अक्सर ऐसे सवाल आते हैं कि डिप्टी कलेक्टर को कौन-कौन सी सुविधाएं मिलती है?
आज के इस आर्टिकल में हम मुख्य रूप से डिप्टी कलेक्टर की सुविधाओं के बारे में ही बात करेंगे तो चलिए अब हम जानते हैं।
डिप्टी कलेक्टर को मिलने वाली सुविधा
किसी भी राज्य में एक डिप्टी कलेक्टर को कई सारे सुविधा मिलती हैं तो चलिए कुछ बिंदुओं के द्वारा हम जानते हैं कि डिप्टी कलेक्टर को मिलने वाली सुविधा कौन-कौन सी हैं।
- निशुल्क आवास स्थान
- शासकीय वाहन / कार्यालय वाहन
- बिजली बिल
- यात्रा भत्ता
- महंगाई भत्ता (DA)
- नौकरी की सुरक्षा
- चिकित्सा छुट्टी
- मकान का किराया
- फोन बिल
- मासिक वेतन
यह सभी सुविधाएं एक डिप्टी कलेक्टर को मिलती है। अगर इन सभी सुविधाओं के अलावा बात की जाए तो डिप्टी कलेक्टर के पद पर कुछ समय के बाद प्रमोशन मिलने के बाद उनकी सैलरी में बढ़ोतरी भी होती है।
तो चलिए अब हम इन सभी सुविधाओं के बारे में विस्तार पूर्वक जानते हैं कि डिप्टी कलेक्टर को मिलने वाली सुविधाएं कैसी है? आपको इन सभी सुविधाओं में क्या-क्या मिलता है।
निशुल्क आवास स्थान
डिप्टी कलेक्टर को रहने हेतु एक निशुल्क आवास स्थान मिलता है, डिप्टी कलेक्टर को मिलने वाली सुविधाओं में से सबसे प्रमुख सुविधा यह है कि इसमें इन्हें निशुल्क आवास स्थान रहने योग्य मिलता है।
शासकीय वाहन / कार्यालय वाहन
डिप्टी कलेक्टर को नौकरी मिलने के बाद एक शासकीय वाहन भी दिया जाता है जो की कार्यालय में काम करने हेतु रहता है।
जिसका उपयोग डिप्टी कलेक्टर अपनी नौकरी के दौरान करता है।
बिजली बिल
डिप्टी कलेक्टर को सुविधाओं में बिजली बिल भी दिया जाती है यानी बिजली बिल निशुल्क।
अर्थात अन्य शब्दों में कहा जाए तो डिप्टी कलेक्टर, की आवास में मिलने वाली बिजली निशुल्क होगी।
यात्रा भत्ता
अगर डिप्टी कलेक्टर को सरकारी काम हेतु किसी अन्य राज्य एवं अन्य जगह जाना पड़ गया तो यात्रा भत्ता भी सरकार के द्वारा दिया जाएगा।
महंगाई भत्ता (DA)
महंगाई भत्ता जिसे डीयरेंस अलाउंस भी कहा जाता है, ये भत्ता सरकार के द्वारा डिप्टी कलेक्टर को दिया जाता है।
ऐसा इसलिए क्योंकि हर साल महंगाई बढ़ती जाती है और महंगाई के अनुसार महंगाई भत्ता डिप्टी कलेक्टर को दिया जाता है।
नौकरी की सुरक्षा
डिप्टी कलेक्टर की नौकरी में कलेक्टर को पूर्ण सुरक्षा में दी जाती है अर्थात इनकी नौकरी पूर्ण रूप से सुरक्षित हो।
किसी भी राज्य के कलेक्टर को बर्खास्त करना कोई आसान काम नहीं है इसके लिए कई सारी शक्तियां हमारे संविधान में निहित है।
जिसके द्वारा कई सारे प्रक्रियाओं से गुजरकर ही एक कलेक्टर को बर्खास्त किया जा सकता है।
चिकित्सा छुट्टी
बीमार होने पर कलेक्टर को चिकित्सा छुट्टी की भी सुविधा प्रदान की जाएगी अर्थात सुविधा प्रदान करने से तात्पर्य है कि सरकार के द्वारा कलेक्टर का पूर्ण रूप से इलाज कराया जाएगा।
मकान का किराया
अगर कलेक्टर सरकारी आवास ना लेकर मकान किराए पर लेकर रह रहा है तो उनके मकान का किराया भी सरकार देगी।
अगर सरकार के द्वारा दी जाने वाली मकान की सुविधा अगर कोई उम्मीदवार नहीं लेता है, तो आवास हेतु मकान का किराया उम्मीदवार को दे दिया जाता है।
फोन बिल
सभी डिप्टी कलेक्टर अधिकारियों को फोन बिल से जुड़े सुविधा भी दी जाती है जैसे की free talktime, SMS, internet, 3 BSNL SIM कार्ड एक डिप्टी कलेक्टर अधिकारी को दिए जाते हैं।
इसके अलावा घर पर एक मुक्त इंटरनेट कनेक्शन और लैंडलाइन की सुविधा भी एक डिप्टी कलेक्टर को दी जाती है।
मासिक वेतन
डिप्टी कलेक्टर को मिलने वाली सुविधाओं में उनकी सैलरी भी समाहित है अर्थात डिप्टी कलेक्टर को उनकी सैलरी हर महीने दी जाती है।
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FAQ – डिप्टी कलेक्टर को मिलने वाली सुविधा
अब तक हमने डिप्टी कलेक्टर को मिलने वाले सुविधाओं के बारे में विस्तार पूर्वक जाना अब हम डिप्टी कलेक्टर को मिलने वाली सुविधाओं से जुड़ी कुछ विशेष प्रश्नों को जानेंगे इसे भी आप जरूर पढ़ें।
#1. डिप्टी कलेक्टर का वेतन कितना होता है?
अगर मासिक सैलरी की बात की जाए तो डिप्टी कलेक्टर का मासिक वेतन 56100 होता है लेकिन अन्य भत्ता आदि को मिलकर इनकी सैलरी इससे अधिक होती है।
हालाकी समय के साथ मासिक वेतन में भी बढ़ोतरी मिलती है और एक डिप्टी कलेक्टर की सैलरी लाखों रुपए तक पहुंच जाती है।
#2. डिप्टी कलेक्टर और एसडीएम में क्या अंतर होता है?
हालांकि दोनों ही प्रशासनिक पद होते हैं लेकिन डिप्टी कलेक्टर पूरे जिला का कलेक्टर होता है, और एसडीएम पूरे क्षेत्र का कलेक्टर अर्थात किसी भी एक क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले सभी प्रकार के ब्लॉक एवं जमीन संबंधित मामलों की जिम्मेदारी एसडीएम की होती हैं।
#3. कलेक्टर का पावर क्या होता है?
ये राजस्व प्रशासन के मुख्य अधिकारी हैं और भूमि राजस्व के संग्रह के लिए पुरी तरह ज़िम्मेदार हैं और यह जिले में सबसे ज्यादा राजस्व न्यायिक प्राधिकरण भी होता है, कलेक्टर का पावर प्रशासनिक अधिकारियों में प्रमुख होता है।
#4. कलेक्टर बनने के लिए कितना उम्र चाहिए?
किसी भी उम्मीदवार को कलेक्टर बनने के लिए न्यूनतम उम्र 21 साल अधिकतम उम्र 35 वर्ष चाहिए हालांकि आरक्षण श्रेणी की उम्मीदवारों को उम्र श्रेणी में थोड़ी बहुत छूट मिलती है।
निष्कर्ष – डिप्टी कलेक्टर को मिलने वाली सुविधा
आज के इस आर्टिकल में मैंने आपको बताया कि डिप्टी कलेक्टर को मिलने वाली सुविधा कौन-कौन सी हैं?, डिप्टी कलेक्टर कौन-कौन सी सुविधा मिलती है आदि जैसे प्रश्नों के बारे में आज के इस आर्टिकल में हमने विस्तृत विवरण में जाना है।
अंत में इससे जुड़े कुछ प्रश्नों को भी मैंने बताया है, आपको हमारे द्वारा दी गई जानकारी पसंद आई होगी ऐसी हमारी आशा है हमारे आर्टिकल में अंत तक बने रहने के लिए आपका धन्यवाद।