एसडीएम और डिप्टी कलेक्टर के बीच का अंतर – योग्यता और कार्यों की तुलना (SDM and Deputy Collector Difference in Hindi)

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दोस्तों बहुत सारे लोग एसडीएम और डिप्टी कलेक्टर के पद को लेकर कन्फ्यूजन में रहते हैं, क्योंकि कई लोगों को ऐसा लगता है, कि दोनों पद पर कार्य करने वाले व्यक्ति एक ही होते हैं, जबकि कुछ लोग इस पद पर कार्य करने वालों लोगों को अलग-अलग मानते हैं।

लेकिन हम आपको बता दें, कि इन दोनों पद पर कार्य  करने वालों व्यक्तियों की कार्यशाली एक होती है, लेकिन यह दोनों अलग-अलग पद है, एक एसडीएम किसी उप जिले के विभाग का संचालन करता है तथा कलेक्टर जिले में होने वाले कामों की देखरेख करता है।

तो आज इस आर्टिकल में हम आपको एसडीएम और डिप्टी कलेक्टर के बीच अंतर के बारे में बताएंगे (SDM and Deputy Collector Difference in Hindi), इसके साथ ही हम आपको डिप्टी कलेक्टर को मिलने वाली सुविधाओं के बारे में भी जानकारी देंगे।

तो चलिए अब बिना देर किए हुए इस आर्टिकल की शुरुआत करते हैं और सबसे पहले जानते हैं, कि एसडीएम तथा डिप्टी कलेक्टर कौन होता है।

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एसडीएम कौन होता है? (SDM Kaun Hota Hai)

एसडीएम जिसका पूरा नाम सब डिविजनल मजिस्ट्रेट होता है, जो किसी भी जिले में डीएम के बाद सबसे बड़ा पद होता है। एसडीएम को उप मजिस्ट्रेट के नाम से भी जाना जाता है, जिसके पास एक मजिस्ट्रेट के रूप में कार्रवाई करने की शक्ति होती है।

एसडीएम अपने क्षेत्र में प्रशासन से जुड़े हुए मुद्दों को भी देखता है, इसके अलावा धारा 20(4) के अंतर्गत कोई भी राज्य सरकार एक उपमंडल के प्रभारी के तौर पर मजिस्ट्रेट का चुनाव कर सकती है।

एसडीएम के पद पर कार्य करने के पश्चात आप जिलाधिकारी भी बन सकते हैं और यदि आप अच्छे ढंग से काम करते हैं, तो आप राज्य सरकार में सचिव के पद पर भी कार्य कर सकते हैं।

डिप्टी कलेक्टर कौन होता है? (Deputy Collector Kaun Hota Hai)

डिप्टी कलेक्टर प्रशासनिक सेवा का अधिकारी होता है, जो एक कार्यकारी मजिस्ट्रेट के रूप में कार्य करता है, जिसे उप डिविजनल मजिस्ट्रेट भी कहा जाता है। डिप्टी कलेक्टर राजस्व से जुड़े हुए कामों की रिपोर्ट तैयार करता है तथा उस रिपोर्ट के बारे में कलेक्टर को जानकारी देता है।

एक डिप्टी कलेक्टर कलेक्टर की अनुपस्थिति में उनके सभी कामों की देखरेख करता है और आवश्यकता पड़ने पर कानून व्यवस्था की भी समीक्षा करता है, इसी तरह से यदि किसी जिले में आपदा प्रबंधन की स्थिति आती है, तो डिप्टी कलेक्टर लोगों को सुविधा मुहैया करने की भी व्यवस्था करता है।

डिप्टी कलेक्टर की पोस्टिंग अलग-अलग विभागों में विभिन्न पदों पर की जा सकती है और यदि आप अपने काम के प्रति ईमानदारी रखते हैं, तो आप मुख्यमंत्री अथवा कैबिनेट मंत्री के निजी सचिव भी बन सकते हैं।

एसडीएम और डिप्टी कलेक्टर के बीच का अंतर - योग्यता और कार्यों की तुलना (SDM and Deputy Collector Difference in Hindi)

एसडीएम और डिप्टी कलेक्टर के बीच का अंतर

यदि आप एसडीएम और डिप्टी कलेक्टर के बीच का अंतर जानना चाहते हैं, तो आप नीचे दिए गए बिंदुओं के आधार पर इन दोनों पदों के अंतर को समझ सकते हैं।

एसडीएम (सब डिविजनल मजिस्ट्रेट)

  • एसडीएम अपने जिले में एक ऊंचे पद का प्रशासनिक अधिकारी होता है, जिसके पास समस्त निर्णय लेने की शक्ति होती है।
  • एसडीएम अपने जिले के विकास कार्य तथा प्रशासनिक कार्यों का प्रबंधन करता है।
  • एसडीएम अपने जिले में शांति और सुरक्षा स्थापित करने के लिए उत्तरदाई होता है।
  • एसडीएम कानून संबंधी मामलो का भी निगरानी करते हैं और समय-समय पर उसकी रिपोर्ट चेक करते हैं।

डिप्टी कलेक्टर (उप डिविजनल मजिस्ट्रेट)

  • डिप्टी कलेक्टर एक कलेक्टर के अधीन कार्य करता है और वह एक उप निरीक्षक की भूमिका निभाता है।
  • डिप्टी कलेक्टर राजस्व और विकास से जुड़े हुए मामलों की निगरानी करता है और उसकी रिपोर्ट तैयार करके कलेक्टर के पास भेजता है।
  • डिप्टी कलेक्टर कलेक्टर द्वारा दिए गए दिशा निर्देशों का पालन करता है और उसके आधार पर एक नई योजना तैयार करता है।
  • डिप्टी कलेक्टर अपने जिले में होने वाले समस्त सरकारी कार्यों की निगरानी करता है और यह सुनिश्चित करता है, कि सभी कार्य सुचारू रूप से पूरा हो सके।

Also Read: एसडीओ और एसडीएम के बीच का अंतर (SDO and SDM Difference in Hindi)

डिप्टी कलेक्टर को मिलने वाली सुविधा कौन सी है?

यदि आप डिप्टी कलेक्टर बनने के लिए इच्छुक है और डिप्टी कलेक्टर को मिलने वाली सुविधाओं के बारे में जानना चाहते हैं, तो आपको नीचे बताए गए बिंदुओं को ध्यानपूर्वक पढ़ना चाहिए।

  • यदि आप डिप्टी कलेक्टर के पद पर कार्य करते हैं, तो आपको सरकार के द्वारा एक सरकारी आवास मिलता है।
  • डिप्टी कलेक्टर को सरकार द्वारा बहुत सारे भत्ते भी मिलते हैं।
  • डिप्टी कलेक्टर को चिकित्सा सुविधा भी मिलती है, जिससे वह फ्री में इलाज कर सकता है।
  • डिप्टी कलेक्टर की सुरक्षा के लिए गन मैन भी मौजूद होते हैं, इसके अतिरिक्त उन्हें एक ड्राइवर भी मिलता है।

डिप्टी कलेक्टर बनने के लिए कितनी योग्यता होनी चाहिए?

ऐसे उम्मीदवार जो डिप्टी कलेक्टर का पद प्राप्त करना चाहते हैं, उन्हें इसकी आवश्यक योग्यताओं के बारे में जानकारी होनी चाहिए।

  • डिप्टी कलेक्टर के पद के लिए आवेदन करने वाले उम्मीदवार के पास स्नातक की डिग्री होनी आवश्यक है।
  • आप किसी भी स्ट्रीम (बीए,बीएससी, बीकॉम, बीसीए) से ग्रेजुएशन पूरा कर सकते हैं।
  • आप जिस भी स्ट्रीम से अपना ग्रेजुएशन पूरा करते हैं, उस स्ट्रीम में आपके 55% से अधिक अंक होना चाहिए।
  • डिप्टी कलेक्टर के पद के लिए आवेदन करने वाला उम्मीदवार भारत का नागरिक होना चाहिए।
  • डिप्टी कलेक्टर बनने की उम्र सीमा 21 वर्ष से लेकर 37 वर्ष तक निर्धारित है, जो अलग-अलग वर्ग के लोगों पर अलग-अलग हो सकती है।

डिप्टी कलेक्टर की भर्ती प्रक्रिया कैसे होती है?

डिप्टी कलेक्टर की भर्ती प्रक्रिया राज्य लोक सेवा आयोग (State Public Service Commission) द्वारा आयोजित परीक्षा के आधार पर होती है, जिसमें आप अच्छा रैंक लाकर डिप्टी कलेक्टर बन सकते हैं।

उदाहरण के लिए, यदि आप उत्तर प्रदेश में रहते हैं, तो आप UPPSC द्वारा आयोजित परीक्षा में सफल होकर  उत्तर प्रदेश में डिप्टी कलेक्टर बन सकते हैं, इसी तरह से यदि आप मध्य प्रदेश में रहते हैं, तो आप MPPSC द्वारा आयोजित परीक्षा में भाग ले सकते हैं और मध्य प्रदेश में डिप्टी कलेक्टर बन सकते हैं।

तो आइए अब डिप्टी कलेक्टर की भर्ती प्रक्रिया के बारे में विस्तार से जानते हैं।

#1. प्रारंभिक परीक्षा (Preliminary Exam)

प्रारंभिक परीक्षा में आपको दो पेपर देने होते हैं और इन दोनों पेपर में आपसे बहुविकल्पीय प्रश्न पूछे जाते हैं, जिसमें आपको General Studies 1 और General Studies 2 का पेपर देना होता है, जिसको यदि आप सफलतापूर्वक पास कर लेते हैं, तो उसके पश्चात आपको मुख्य परीक्षा देनी होती है।

#2. मुख्य परीक्षा (Main Exam)

मुख्य परीक्षा में आपको कुल आठ पेपर देने होते हैं, जिसमें पहला पेपर सामान्य हिंदी तथा दूसरा पेपर निबंध का होता है, इसके बाद आपको जनरल स्टडीज के चार पेपर देने होते हैं, उसके बाद आपको 2 ऑप्शनल पेपर देने होते हैं।

आप अपने रुचि के अनुसार किसी भी विषय को ऑप्शनल के रूप में चुन सकते हैं, यदि आप सभी पेपर में अच्छे अंक हासिल करते हैं, तो उसके पश्चात एक लिस्ट तैयार होती है, जिसमें यदि आपका सिलेक्शन होता है, तो आपको इंटरव्यू के लिए बुलाया जाता है।

#3. इंटरव्यू (साक्षात्कार)

जब आप सफलतापूर्वक मुख्य परीक्षा को पास कर लेते हैं, तो उसके पश्चात इंटरव्यू देने के लिए एक निश्चित दिन निर्धारित किया जाता है, जिसमें आपको अपना साक्षात्कार देना होता है, जहां पर इंटरव्यूवर आपके  डिप्टी कलेक्टर बनने की काबिलियत को जानने का प्रयास करते हैं तथा आपसे डिप्टी कलेक्टर के पद से संबंधित कुछ प्रश्नों के बारे में भी पूछते हैं और आपके मानसिक क्षमता का बेहतर ढंग से आकलन करते हैं।

डिप्टी कलेक्टर से कलेक्टर बनने में कितना समय लगता है?

यदि आप डिप्टी कलेक्टर के पद पर रहते हुए अच्छे ढंग से कार्य करते हैं, तो बहुत ही कम समय में आपका प्रमोशन हो सकता है और आप कलेक्टर का पद प्राप्त कर सकते हैं, वैसे तो डिप्टी कलेक्टर से कलेक्टर बनने के लिए कोई निश्चित समय निर्धारित नहीं है, लेकिन फिर भी यदि आपके पास तीन से चार साल का अनुभव है, तो आपको कलेक्टर बनाया जा सकता है।

इसके अतिरिक्त आप जिस राज्य अथवा क्षेत्र में रहते हैं, वहां की परिस्थितियों तथा उस क्षेत्र की आवश्यकताओं के आधार पर भी आपका प्रमोशन निर्धारित होता है, यदि आप अपने क्षेत्र की परिस्थितियों को बेहतर ढंग से समझते हैं तथा डिप्टी कलेक्टर के पद पर रहते हुए विकास कार्यों को बेहतर ढंग से पूरा करते हैं, तो बहुत कम समय में ही आपका प्रमोशन कलेक्टर के पद पर हो सकता है।

डिप्टी कलेक्टर की सैलरी कितनी होती है?

डिप्टी कलेक्टर की सैलरी भारत के विभिन्न राज्यों तथा विभिन्न सरकारी विभागों के आधार पर अलग-अलग हो सकती है, इसके अलावा जिस ग्रेड के हिसाब से आपका पद होता है, उसी आधार पर आपकी सैलरी निर्धारित की जाती है।

डिप्टी कलेक्टर के पद पर कार्य करने वाले उम्मीदवार जूनियर टाइम स्केल, सीनियर टाइम स्केल, सुपर टाइम स्केल के ग्रेड पर कार्य करते हैं और उनके ग्रेड पर ही उनका पद भी निर्धारित होता है।

सामान्य रूप से डिप्टी कलेक्टर की सैलरी केंद्र सरकार के सातवें वेतन आयोग पर आधारित होती है, जिसमें आपको 55 हजार से लेकर 1,45000 रूपये तक की सैलरी मिल सकती है।

Also Read: जानिए डीएम और कमिश्नर में क्या अंतर है? (DM Aur Commissioner Mein Kya Antar Hai) 2023

FAQS – एसडीएम और डिप्टी कलेक्टर के बीच का अंतर

अब तक आप एसडीएम और डिप्टी कलेक्टर के बीच अंतर के बारे में अच्छे तरीके से समझ गए होंगे, तो आइए अब इन दोनों पदो से जुड़े हुए कुछ महत्वपूर्ण सवाल जवाब के बारे में जानते हैं।

#1. एसडीएम और डिप्टी कलेक्टर में कौन बड़ा होता है?

एसडीएम डिप्टी कलेक्टर से बड़ा होता है, क्योंकि एसडीएम प्रशासनिक सेवा का सबसे बड़ा पद होता है और डीएम की अनुपस्थिति में एसडीएम किसी भी निर्णय को लेने में सक्षम होता है, जबकि डिप्टी कलेक्टर कलेक्टर के अधीन काम करता है और वह उप प्रभाग के राजस्व विभाग को देखता है।

#2. क्या कलेक्टर और एसडीएम एक ही होते हैं?

जी, नहीं कलेक्टर और एसडीएम दोनों अलग-अलग पद है, जहां तक कलेक्टर के पद की बात है, तो कलेक्टर जिले के प्रशासनिक और विकास कार्य को देखता है, जबकि एसडीएम उप जिला के प्रशासनिक कार्यों को देखता है, सामान्य रूप से देखा जाए, तो एक ही व्यक्ति इन दोनों पदो के अधिकारों का निर्वाह कर सकता है।

#3. डिप्टी कलेक्टर का मतलब क्या होता है?

डिप्टी कलेक्टर जिसे उप कलेक्टर भी कहा जाता है, जो भारतीय प्रशासनिक सेवा का अधिकारी होता है, जो अपने जिले में प्रशासनिक और राजस्व विभागो में कलेक्टर की सहायता करने के लिए नियुक्त किया जाता है।

#4. एसडीएम से बड़ा कौन होता है?

एसडीएम से बड़ा अधिकारी डीएम होता है, जो किसी भी जिले का सर्वोच्च अधिकारी माना जाता है, डीएम को आईएएस अधिकारी के रूप में नियुक्त किया जाता है, जबकि एसडीएम को पीसीएस अधिकारी के रूप में नियुक्त किया जाता है।

#5. क्या तहसीलदार एसडीएम बन सकते हैं?

जी, हां तहसीलदार एसडीएम बन सकते हैं, क्योंकि तहसीलदार और एसडीएम दोनों राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी होते हैं, जो प्रमोशन के आधार पर एसडीएम बन सकते हैं, लेकिन इसके लिए कुछ आवश्यक शर्तें होती है, जिसे आपको पूरा करना होगा।

निष्कर्ष – एसडीएम और डिप्टी कलेक्टर के बीच का अंतर

दोस्तों इस आर्टिकल में हमने आपको एसडीएम और डिप्टी कलेक्टर के बीच अंतर के बारे में जानकारी दीं है तथा हमने आपको डिप्टी कलेक्टर की भर्ती की प्रक्रिया के बारे में भी विस्तार से बताया है।

इसके अतिरिक्त हमने आपको डिप्टी कलेक्टर को मिलने वाली सुविधाओं तथा डिप्टी कलेक्टर बनने के लिए आवश्यक योग्यताओं के बारे में भी जानकारी दी है।

उम्मीद करते हैं, आपको इस आर्टिकल में बताई गई जानकारी पसंद आई होगी और एसडीएम और डिप्टी कलेक्टर को लेकर आपके मन में जितने भी सवाल होंगे, आपको उन सवालों का जवाब मिला होगा।

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