बाबूजी जरा संभल के! एक मिस कॉल और हो जाएगा पूरा बैंक अकाउंट खाली, जानिए sim swapping fraud के बारे में

Sim Swapping Fraud के बारे में जागरूकता बढ़ाना आज के समय में बहुत जरूरी है। भारत में ठगी करने का एक नया किस्सा सामने आया है जिसके ज़रिए लाखों रुपये आपके बैंक अकाउंट से चुटकियों में निकल जाएँगे। 

खबर के मुताबिक़ कुछ समय पहले एक महिला वकील के पास 3 बार कॉल आई और थोड़ी देर बाद देखा तो बैंक अकाउंट से लाखों रुपये साफ हो गए बिना काटे कॉल उठाये। जानिए यह सिम स्वैपिंग फ्रॉड क्या है और कैसे काम करता है। 

Sim swap fraud

सिम स्वैपिंग फ्रॉड क्या है?

सिम स्वैपिंग फ्रॉड एक प्रकार का धोखाधड़ी है इसे Sim Swap Attack भी कहा जाता है जिसमें स्कैमर्स आपका सिम कार्ड किसी दूसरे सिम कार्ड से बदल देते हैं। वे आपके मोबाइल कंपनी के कस्टमर सर्विस को धोखा देकर आपका सिम कार्ड ब्लॉक करा देते हैं और फिर अपने नाम पर नया सिम कार्ड ले लेते हैं।

एक बार उन्हें आपका सिम मिल जाए तो वे आपके बैंक अकाउंट, सोशल मीडिया अकाउंट और ओटीपी जैसी जानकारियों तक पहुंच सकते हैं। इस जानकारी का इस्तेमाल करके वे आपके बैंक खातों से पैसा निकाल सकते हैं या आपके सोशल मीडिया अकाउंट्स का गलत इस्तेमाल कर सकते हैं।

सिम स्वैपिंग कैसे काम करता है?

1. जानकारी इकट्ठा करना: स्कैमर्स आपके बारे में निजी जानकारी इकट्ठा करते हैं जैसे आपका पूरा नाम, जन्म तिथि, पता और बैंक का नाम।

2. सिम ब्लॉक कराना: ऐसे जालसाज मोबाइल कंपनी के कस्टमर सर्विस को फोन करके आपका सिम कार्ड खो जाने या चोरी हो जाने का नाटक करते हैं। वे आपकी चुराई हुई जानकारी का इस्तेमाल करके कस्टमर सर्विस को यकीन दिलाते हैं कि वही सिम कार्ड के असली मालिक हैं।

3. नया सिम कार्ड लेना: एक बार सिम कार्ड ब्लॉक हो जाने के बाद, जालसाज आपके नाम पर एक नया सिम कार्ड ले लेते हैं। अब उनके पास आपका फोन नंबर चालू हो जाता है।

4. OTP चुराना: अब आपका फोन नंबर उनके सिम कार्ड से जुड़ा है, तो बैंक और दूसरे संस्थान आपके बैंक अकाउंट या किसी सर्विस से जुड़े हुए OTP इस नए सिम पर भेजेंगे। जालसाज इन OTPs का इस्तेमाल करके आपके अकाउंट्स में लॉग इन कर सकते हैं और गलत लेनदेन कर सकते हैं।

सिम स्वैपिंग फ्रॉड से कैसे बचें?

अपनी निजी जानकारी को गोपनीय रखें: सोशल मीडिया पर अपनी पूरी जन्मतिथि या पता जैसी जानकारी शेयर ना करें।

सर्विस प्रोवाइडर के कस्टमर सर्विस को सीधे फोन करें: अगर आपका सिम खो जाता है या चोरी हो जाता है, तो अपने सर्विस प्रोवाइडर के कस्टमर सर्विस को फोन करके उनके निर्देशानुसार सिम ब्लॉक करवाएं। किसी अनजान व्यक्ति या वेबसाइट पर जाकर सिम ब्लॉक ना कराएं।

स्ट्रॉन्ग पासवर्ड: अपने बैंक अकाउंट और दूसरी महत्वपूर्ण जगहों पर स्ट्रॉन्ग पासवर्ड का इस्तेमाल करें। साथ ही किसी के साथ भी अपना पासवर्ड या OTP शेयर ना करें।

अगर Airtel, Vodafone सिम पर सिम स्वैप फ्रॉड हो जाए?

Airtel, Vodafone sim fraud होने की दशा में तुरंत नीचे दिए गए नंबरों पर कंपनी के कस्टमर सर्विस से संपर्क कर शिकायत दर्ज कराएं-

Airtel – 1800-103-4444 या 198

Vodafone- 9820098200 या 199

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